Thursday, April 11, 2019

Maharana Pratap | महाराणा प्रताप का दबा हुआ इतिहास

Maharana Pratap | महाराणा प्रताप का दबा हुआ इतिहास

नमस्कार दोस्तों :- आज आपको महाराणा प्रताप के बलिदान त्याग और तपस्या का दबा हुआ इतिहास हम आपको बताने जा रहे हैं !  यहां आपको पोस्ट के साथ वीडियो भी दिया जाएगा ! ताकि आप आसानी से समझ सके ! नीचे वीडियो भी दिया गया है ?
Maharana Pratap  महाराणा प्रताप का दबा हुआ इतिहास


महाराणा प्रताप :- जन्म 9 मई 1540 में कुंभलगढ़ के महाराजा उदय सिंह और माता जयवंता बाई के  वहां हुआ !
महाराणा प्रताप बचपन से ही कुशल और वीर बालक थे ! हमें आशा है इस वीडियो को देखने के बाद आप महाराणा प्रताप के बारे में आसानी से समझ जाएंगे !
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इस वीडियो में महाराणा प्रताप की वास्तविक जीवन शैली और उनके बलिदान योगदान त्याग तपस्या की पूरी जानकारी  के साथ उनके जीवन में आए -  संकट और युद्ध की जानकारी विस्तार के साथ बताई गई है और उसकी लोगों के साथ व्यवहारिक जीवन पर भी चर्चा की गई है ! तो आप अपना अमूल्य समय देकर इस वीडियो पूरा देखे तथा हमारे यूट्यूब चैनल All Rounder GuruJi  को जरूर सब्सक्राइब करें ! हमें आशा है कि ऐसे वीडियो को हर इंसान तक पहुंचाना बड़े गौरव की बात है !


**Maharana Pratap |महाराणा प्रताप का दबा हुआ इतिहास**

महाराणा प्रताप से जुड़ी 10 बाते - 
1. हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. !अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था !
2. ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे ? मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी.

3. महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था. उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था !
4. आपको बता दें हल्दी घाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20000 सैनिक थे और अकबर के पास 80000 सैनिक इसके बावजूद महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे |

5. कहते हैं कि अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिए 6 शान्ति दूतों को भेजा था, जिससे युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म किया जा सके, लेकिन महाराणा प्रताप ने यह कहते हुए हर बार उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया कि राजपूत योद्धा यह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता !
6. महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 9 शादियां की थीं ! कहा जाता है कि उन्होंने ये सभी शादियां राजनैतिक कारणों से की थीं !
7. महाराणा प्रताप को भीलो में प्यार के कारण  कीका के नाम से पुकारा जाता था ! प्रताप जगली भीलो से इतने जुड़ चुके थे की भील प्रताप के लिय अपनी जन भी दाव लगाने को तयार थे !  
8. महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा चेतक था. महाराणा प्रताप की तरह ही उनका घोड़ा चेतक भी काफी बहादुर था !

9.  बताया जाता है जब युद्ध के दौरान मुगल सेना उनके पीछे पड़ी थी तो चेतक ने महाराणा प्रताप को अपनी पीठ पर बैठाकर कई फीट लंबे नाले को पार किया था ! आज भी चित्तौड़ की हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है.

10. हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लडने वाले सिर्फ एक मुस्लिम सरदार था -हकीम खां सूरी भी था ! तो इस बात से पता चलता है की यह एक धार्मिक लड़ाई न होकर देश हित की लड़ाई थी ! 
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हर बार की तरह प्रेम पूर्वक आशा के साथ- धन्यवाद !

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