एलीयन क्या है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है ? - kya-alien-hote-hai ?
- क्या परग्रही/एलीयन पृथ्वी पर आते है?
- क्या वे पृथ्वी पर फ़िल्मों मे दिखाये अनुसार आक्रमण
कर सकते है?
- क्या एलीयन/परग्रही जीवो का अस्तित्व है ?
तो आएये जानते है ..
नमस्कार दोस्तों – आप देख रहे है .. रहस्य hindi टीवी
क्या एलीयन/परग्रही जीवो का अस्तित्व है ?
वर्तमान विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के बाहर जीवन ना
पनपने का कोई कारण नही है। पृथ्वी या सौर मंडल मे ऐसी कोई विशेषता नही है कि केवल
पृथ्वी पर ही जीवन की संभावना हो।
इस विशाल ब्रह्मांड में क्या पृथ्वी के अलावा सर्वत्र
निर्जीव है ? जिन तत्वों से धरती की
चीजों का निर्माण हुआ है वे कमोबेश समूचे ब्रह्मांड में पाए जाते हैं। भौतिक
विज्ञान के जो नियम पृथ्वी की वस्तुओं पर लागू होते हैं वहीं नियम अति दूरस्थ
पिंडों के पदार्थ पर भी लागू होते हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि केवल धरती पर
ही जीवन की उत्पत्ति और विकास संभव है। ब्रह्मांड के अन्य पिंडों पर जीवन का हमसे
भी अधिक उन्नत सभ्यताओं का अस्तित्व संभव है। परग्रही/एलीयन जीवों का
भी अस्तित्व है |
एलीयन क्या है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है ? - kya-alien-hote-hai ?
क्या वे पृथ्वी पर
फ़िल्मों मे दिखाये अनुसार आक्रमण कर सकते है?
शायद नही। तारों के मध्य दूरी अत्याधिक होती है।
सूर्य के सबसे निकट का तारा प्राक्सीमा सेंटारी 4 प्रकाश वर्ष दूर है, उससे
प्रकाश को भी हम तक पहुँचने मे 4 वर्ष लगते है। प्रकाश की गति
अत्याधिक है, वह एक सेकंड मे लगभग तीन लाख किमी की यात्रा करता है।
तुलना के लिये सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुँचने केवल आठ मिनट लगते है। कई प्रकाश
वर्ष की दूरी तय करने के लिये इतनी दूरी तक यात्रा करने मे वर्तमान के हमारे सबसे
तेज राकेट को भी सैकड़ों वर्ष लगेंगे।
एलीयन क्या है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है ? - kya-alien-hote-hai ?
ऐसी लंबी यात्रा मे ढेर सारी अड़चने है, जिसमे
कई वर्षो की इतनी लंबी यात्रा मानव या किसी भी अन्य बुद्धिमान जीव के लिये आसान
नही होगी। यात्रा मे लगने वाले यान के निर्माण मे ढेर सारी प्रायोगिक मुश्किले
आयेंगी,
जैसे
इस यान मे इस लंबी यात्रा के लिये राशन, पानी, कपड़े
,
ऊर्जा
का इंतज़ाम करना होगा। यान मे कई वर्षो की भोजन सामग्री ले जाना संभव नही होगा, ऐसी
स्थिति मे यान मे ही कृषि, पेड़, पौधे
उगाने की व्यवस्था करनी होगी। विशाल यान के संचालन तथा यात्रीयों के प्रयोग के
ऊर्जा के निर्माण के लिये बिजली संयत्र का निर्माण करना होगा। यान मे वायु से
विषैली गैस जैसे कार्बन डाय आक्साईड को छान कर आक्सीजन के उत्पादन मे संयत्र
चाहीये होंगे। प्रयोग किये गये जल के पुनप्रयोग के लिये संयत्र, उत्पन्न
कचरे के पुनप्रयोग के लिये संयत्र चाहिये होंगे। इन सभी संयंत्रो के यान मे लगाने
पर वह किसी छोटे शहर के आकार का हो जायेगा। इतना बड़ा यान पृथ्वी या ग्रह पर
निर्माण कर अंतरिक्ष मे भेजना भी आसान नही है, इस आकार के यान का
निर्माण भी अंतरिक्ष मे ही करना होगा।
इतने विशाल यान का निर्माण हो भी जाये तो इस यान के
अंतरिक्ष यात्रीयों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना होगा। यान के
अंतरिक्षयात्रीयों के दल मे हर क्षेत्र से विशेषज्ञ चूनने होगे जिसमे इंजीनियर, खगोलशास्त्री, चिकित्सक
इत्यादि प्रमुख होंगे। यदि यात्रा समय 30-40 वर्ष से अधिक हो तो इन
यात्रीयों मे स्त्री-पुरुष जोड़ो को भेजना होगा जिससे इतनी लंबी यात्रा मे नयी
यात्रीयों की नयी पिढी तैयार हो और वह इस यात्रा को आगे बढ़ाये। इस अवस्था मे यान
मे पाठशाला और शिक्षक भी चाहीये होंगे।
एलीयन क्या है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है ? - Do they come to Earth on the alien side?
लंबी यात्रा की इन सब परेशानीयो को देखते हुये यह
स्पष्ट है कि पारंपरिक तरिके के यानो से अन्य तारामंडलो की यात्रा अत्याधिक कठीन
और चुनौति भरी है। इस कठीनायी का हल है प्रकाशगति या उससे तेज गति के यानो का
निर्माण। ध्यान रहे कि प्रकाशगति से तेज चलने वाले यान भी सबसे निकट के तारे से
आवागमन मे कम से कम 8 वर्ष लेंगे, जबकि
अंतरिक्ष मे दूरीयाँ सैकड़ो, हजारो या लाखो प्रकाशवर्ष मे
होती है।
प्रकाश गति से तेज यान
प्रकाशगति से तेज यात्रा मे सबसे बड़ी परेशानी यह है
कि वैज्ञानिक नियमो के अनुसार प्रकाश गति से या उससे तेज यात्रा संभव नही है। यह
आइंस्टाइन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत का उल्लंघन है जिसके अनुसार प्रकाशगति किसी
भी कण की अधिकतम सीमा है। कोई भी वस्तु जो अपना द्रव्यमान रखती है वह प्रकाशगति
प्राप्त नही कर सकती है; उसे प्रकाशगति प्राप्त करने
अनंत ऊर्जा चाहिये जोकि संभव नही है।
मान लेते है कि किसी तरह से सापेक्षतावाद के इस नियम
का तोड़ निकाल लिया गया और प्रकाश गति से यात्रा करने वाला यान बना भी लिया गया। इस
अवस्था मे समय विस्तार (Time Dilation) वाली समस्या आयेगी। हम
जानते है कि समय कि गति सर्वत्र समान नही होती है। प्रकाश गति से चलने वाले यान मे
समय की गति धीमी हो जायेगी, जबकि पृथ्वी/एलीयन ग्रह पर समय
की गति सामान्य ही रहेगी। प्रकाश गति से चलने वाला यान को पृथ्वी से प्राक्सीमा
सेंटारी तक पहुँचने मे 4 वर्ष लगेंगे लेकिन पृथ्वी पर
सदियाँ बीत जायेंगी।
इन सभी प्रायोगिक कारणों से एलीयन का पृथ्वी पर आना
संभव नही लगता है।
एलीयन क्या है ? क्या वे पृथ्वी पर आते है ? - kya-alien-hote-hai ?
लेकिन आप को किया लगता है कमेट
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