Thursday, September 3, 2020

Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना | Life after Death

 Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना | Life after Death

 Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना | Life after Death

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हम सभी लोग बचपन से लेकर आज तक पुनर्जन्म की कई बातों के बारे में सुनते आए हैं,लेकिन आज हम आपको पुनर्जन्म लेने वाले उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जन्म धरती पर दूसरी बार हुआ और जिन्होंने अपनी पहली जिंदगी की सारी सच्चाई लोगों को बताई। सूत्रों की माने तो वे सभी बातें सच ही थीं, जो उनके द्वारा लोगों को बताई गई थी।

Heart Me :  एक मेरे यार का कमेंट नहीं आया  ....MissYou फ़ॉजी " आप की याद हमेसा सताती है मे हर रोज आप के पहले की तरह कमेंट आने का इंतजार रहता है ... every every day miss ....... 😭😭

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Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना

 मेरे प्यारे दोस्तों वीडियो देखने के बाद चैनल को सब्सक्राइब करके बैल आइकन दबाना मत भूलना 

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जय श्री भोलेनाथ🙏🙏

लेकिन आज हम आपको पुनर्जन्म लेने वाले उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जन्म धरती पर दूसरी बार हुआ और जिन्होंने अपनी पहली जिंदगी की सारी सच्चाई लोगों को बताई। सूत्रों की माने तो वे सभी बातें सच ही थीं, जो उनके द्वारा लोगों को बताई गई थी।


लेकिन ये घटना थोड़ी अजीब है जो आपको हैरान कर देगी।


शांति देवी का जन्म दिल्ली में हुआ था, जिन्होंने 4 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को अपने पिछले जन्म के पति के बारे में बता दिया और कहा कि उनका असली घर मथुरा में है, जो कि यहां से 145 किलोमीटर दूर है। जाहिर है कि 4 साल की बच्ची के मुंह से ऐसी बातों को सुन उस पर कौन यकीन करता? लेकिन अपने पति के पास जाने की इच्छा उस बच्ची को ज्यादा समय तक न रोक सकी और वो 6 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर भाग गई, परंतु इतनी छोटी बच्ची दिल्ली से मथुरा तक कैसे जाती? जिसके चलते वो शाम तक फिर से घर पर आ गई। लेकिन अब उसकी बात में कितनी सच्चाई थी, चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल, जब शांति देवी स्कूल जाया करती थी तो वो वहां मौजूद टीचरों को अपने दुकानदार पति केदारनाथ के बारे में बताया करती थी। तभी उनमें से एक टीचर ने मथुरा जाकर पता लगाया कि वहां कोई केदारनाथ नाम का दुकानदार है भी या नहीं? असल में चौंकाने वाली बात तो यह थी कि मथुरा में उस लड़की के बताए गए पते पर दुकानदार केदारनाथ मौजूद था, जो कि अपने बेटे के साथ जीवन जी रहा था। असल में केदारनाथ की पत्नी अपने बेटे को जन्म देते ही मर गई थी। जिनका नाम लोधी देवी था और जब केदारनाथ को शांति देवी के बारे में पता चला तो वो तुरंत ही दिल्ली चले गए। जिन्हें देखते ही शांति देवी ने पहचान लिया और उनके और उनकी पत्नी लोधी देवी के बीच हुई सभी बातों को लोगों के सामने रख दिया। जिससे यह साफ-साफ साबित हो गया कि लोधी देवी, जो कि केदारनाथ की पत्नी थी। उन्होंने शांति देवी के रूप में पुनर्जन्म ले लिया था







Friday, October 4, 2019

Aaj ka Suvichar in Hindi | आज का सुविचार - "मंजिल"

Aaj ka Suvichar in Hindi | आज का सुविचार - "मंजिल"

मंजिल पर पहुँचना है तो कभी राह के काँटों से मत घबराना,
क्योंकि काँटे ही तो बढ़ाते है रफ्तार हमारे कदमों की।
🌹 "सुप्रभातम" 🌹 
😊 !! खुश रहिये !! 😊
😊 !! मुस्कुराते रहिये!! 😊
💐आपका दिन शुभ हो 💐

Aaj ka Suvichar in Hindi
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जब कड़ी से कड़ी जोड़ते हैं तभी जंजीर बनती है …..

और जब मेहनत पे मेहनत होती है तभी तक़दीर बनती है।
जो जितना झुलसता है

वो उतना ही निखर के आता है।

जो सह ले तकलीफ मेहनत की

वो हर रोज चमकता है।
🙏💐HAVE A NICE DAY 🙏💐

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सफलता,असफलता तो शब्द मात्र है,
  असली मजा तो काम में होता है।।
Good morning everyone.....💐💐
Have a wonderful weekend 🌹✨

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यदि उड़ नहीं सकते, तो दौड़ो 
और दौड़ भी नहीं सकते तो चलो
 और चल भी नहीं सकते तो
 रेंगते हुए चलो, 
लेकिन कभी रुको नहीं, हमेशा आगे बढ़ते रहो।💐💐
GOOD MORNING  🙏💐


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बिना लक्ष्य के जीवन
     बिना पता लिखे
  लिफाफे के समान हैं !
     जो कभी, कहीं 
  पहुँच नहीं सकता !
💐💐GOOD MORNING SIR 🙋🙋😊😊💐💐

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Aaj ka Suvichar in Hindi | आज का सुविचार - "मंजिल"


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बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे | सरोवर के बीचों-बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था | जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था | खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी |

एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों ना एक रेस करवाई जाए | रेस में भाग लेने वाली प्रतियोगियों को खम्भे  पर चढ़ना होगा, और जो सबसे पहले एक ऊपर पहुच जाएगा वही विजेता माना जाएगा | रेस का दिन आ पहुँचा, चारो तरफ बहुत भीड़ थी, आस-पास के इलाकों से भी कई मेंढक इस रेस में हिस्सा लेने पहुचे | माहौल में सरगर्मी थी, हर तरफ शोर ही शोर था |

रेस शुरू हुई लेकिन खम्भे को देखकर भीड़ में एकत्र हुए किसी भी मेंढक को ये यकीन नहीं हुआ कि कोई  भी मेंढक ऊपर तक पहुंच पायेगा …

हर तरफ यही सुनाई देता …

“ अरे ये बहुत कठिन है ”

“ वो कभी भी ये रेस पूरी नहीं कर पायंगे ”

“ सफलता का तो कोई सवाल ही नहीं,  इतने चिकने खम्भे पर चढ़ा ही नहीं जा सकता ”

और यही हो भी रहा था,  जो भी मेंढक कोशिश करता, वो थोडा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता,
कई मेंढक दो-तीन बार गिरने के बावजूद अपने प्रयास में लगे हुए थे …

पर भीड़ तो अभी भी चिल्लाये जा रही थी, “ ये नहीं हो सकता, असंभव ”,  
और वो उत्साहित मेंढक भी ये सुन-सुनकर हताश हो गए और अपना प्रयास छोड़ दिया |

लेकिन उन्ही मेंढकों के बीच एक छोटा सा मेंढक था, जो बार-बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर  चढ़ने में लगा हुआ था …. वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा, और अंततः वह खम्भे के ऊपर पहुच गया और इस रेस का विजेता बना |

उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ, सभी मेंढक उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे , “ तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया, भला तुम्हे अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति कहाँ से मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय कैसे प्राप्त की ?”

तभी पीछे से एक आवाज़ आई … “अरे उससे क्या पूछते हो, वो तो बहरा  है ”

दोस्तों हमारे अन्दर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की काबिलियत होती है, पर हम अपने चारों तरफ मौजूद नकारात्मकता की वजह से खुद को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे होते हैं उन्हें पूरा करने की कोशिश भी नहीं करते हैं |

आवश्यकता इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रति अंधे हो जाएँ और मन लगाकर कोशिश करें तब हमें सफलता के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा ......!!!!

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Aaj ka Suvichar in Hindi | आज का सुविचार - "मंजिल"


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जो बीत गया सो बीत गया यदि हमसे कोई गलत काम हो गया है
तो उसकी चिंता ना करते हुए वर्तमान को सुधार कर भविष्य को संवारना चाहिए

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🌹  शुभ प्रभात 🌹
सफलता का मिलना तो तय ही है
हमे तो बस हमारे संघर्ष की 
सीमा बढानी है े
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हारने से पहले हिम्मत से लड़ना 
पर लड़े बिना हिम्मत न हारना
कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नही 
हारा वही है जो लड़ा नही 
🌹🙏सुप्रभात🌹🙏



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जिंदगी आपकी है या तो सोने मे गुज़ार दो 
   या जगकर और मेहनत करके सोने जैसी बना लो फैसला आपका है
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दूसरों की अपेक्षा
 आपको सफलता
 यदि देर से मिले, 
तो निराश नहीं होना चाहिये...,
ये सोचिये कि मकान बनने से
 ज्यादा समय महल बनने में लगता है।
🌸🌸 Good morning🌸🌸
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यू ही नही मिलती राही को मंजिल एक जुनून सा दिल ने जगाना पडता है
पूछा चिडिया से कैसे बना आशियाना बोली भरनी पडती है 
उडान बार बार तिनका तिनका उठाना पडता है....



Good Morning Sms Hindi Shayari - मुश्किल इस दुनिया....


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भागते रहो अपने लक्ष्य के पीछे,
 क्यूंकि आज नहीं तो और कभी,
 करेंगे लोग गौर कभी, 
लगे रहो बस रुकना मत, आयेगा तुम्हारा दौर कभी।” —

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मंजिलों को पाना आसान नहीं होता है 🌹🌹 हर काफिले को निभाना 🌹🌹🌹🌹 आसान नहीं होता है 🌹🌹🌹
🌹🌹🌹 मै हूं भारत की बेटी 🌹🌹🌹🌹🌹 जिसको हराना आसान नहीं होता है 🌹🌹🌹🌹🌹
🌹🌹🌹
🌹🌹इस कर्म युद्ध में एक बार ये बेटी 🌹🌹 जरूर फतेह हासिल करेगी
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🌹🙏"सुप्रभातम"🌹🙏
परिंदा को मिलेगी मंजिल एक दिन, 
   ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं, 
और वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,
जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं  !!
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मंगल ग्रह की रोचक जानकारी - Latest News About Mars Planet In Hindi


Aaj ka Suvichar in Hindi | आज का सुविचार - "मंजिल"

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Monday, July 29, 2019

prerak kahani in hindi, प्रेरक कहानी : मुश्किल दौर से गुजर कर आप क्या बनते ...

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बहुत समय पहले की बात है , एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये । वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे , और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे।
राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया।


जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को देखने का मन बनाया , और उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था। राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे ।
राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे आदमी से कहा, ” मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो । “
आदमी ने ऐसा ही किया।
इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे , पर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था , वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया जिससे वो उड़ा था।

ये देख , राजा को कुछ अजीब लगा.

“क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”, राजा ने सवाल किया।

” जी हुजूर , इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”
राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो दुसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे।


अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान करा दिया गया कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा।

फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे , पर हफ़्तों बीत जाने के बाद भी बाज का वही हाल था, वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता।

फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआ , राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं। उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया था।

वह व्यक्ति एक किसान था।


अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा , ” मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ , बस तुम इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे कर दिखाया। “

“मालिक ! मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ , मैं ज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने का बाज आदि हो चुका था, और जब वो डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा। “

दोस्तों, हम सभी ऊँचा उड़ने के लिए ही बने हैं। लेकिन कई बार हम जो कर रहे होते है उसके इतने आदि हो जाते हैं कि अपनी ऊँची उड़ान भरने की , कुछ बड़ा करने की काबिलियत को भूल जाते हैं। यदि आप भी सालों से किसी ऐसे ही काम में लगे हैं जो आपके सही potential के मुताबिक नहीं है तो एक बार ज़रूर सोचिये कि कहीं आपको भी उस डाल को काटने की ज़रुरत तो नहीं जिसपर आप बैठे हुए हैं ?



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आज के - Motivational Quotes In Hindi


Good Morning Status - आज का सुविचार - Top 100 + Quotes


Friday, July 19, 2019

जोधा अकबर की पूरी कहानी | Jodha Akbar History in Hindi

जोधा अकबर की पूरी कहानी | Jodha Akbar History in Hindi



हेलो नमस्कार दोस्तों - जोधा अकबर की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की अनसुलझी कहानियों में से एक है 'जोधा अकबर की ऐतिहासिक प्रेम कहानी' के बारे में इतिहासकारों के बीच मतभेद है. जिनमें से कुछ लोग जोधा अकबर की पूरी कहानी को सत्य कहानी मानते हैं. वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है, कि जोधा नामक किरदार का अस्तित्व इतिहास में कहीं देखने को नही मिलता है |

जोधा अकबर की पूरी कहानी | Jodha Akbar History in Hindi

Jodha Akbar History in Hindi



तो आए जानते है :-

जोधा को इतिहास में हरकाबाई के नाम से जाना जाता है. जोधा राजपूत राजा भारमल की पुत्री थी. जोधा बाई का अकबर से विवाह एक राजनीतिक समझौता था |

जोधा अकबर की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की एक अनोखी प्रेम कहानी है. जोधा अकबर के बारे में लोगों के अलग-अलग मत हैं तथा इतिहास में इस कहानी का पुख्ता प्रमाण देखने को नहीं मिलता है |

 बात उस समय की है जब अकबर अपने साम्राज्य के विस्तार में लगा हुआ था. उस समय अकबर के सबसे बड़े दुश्मन राजपूत राजा हुआ करते थे. अकबर भी इस बात से भली भांति परिचित था कि राजपूत राजाओं से टक्कर लेना इतना आसान नहीं है. इसीलिए अकबर ने एक कूटनीति निकाली !


वह राजपूतों से युद्ध के बजाय उनसे पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझता था. हालांकि अकबर के पास इतिहास के उस दौर की सबसे शक्तिशाली सेना थी. लेकिन अकबर युद्ध के दौरान खून खराबे और जान-माल से होने वाले नुकसान को ज्यादा पसंद नहीं करता था. इसीलिए उसने राजपूतों से पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझा |

जब अकबर ने राजा भारमल के राज्य पर चढ़ाई की और उनके तीनो बेटों को बंदी बना लिया. तब राजा भारमल ने अकबर से संधि कर ली और अपनी पुत्री जोधा का विवाह अकबर के साथ कर दिया. देखा जाए तो जोधा का विवाह एक राजनीतिक समझौता था, जो कि अकबर के कहर से अपने राज्य को बचाने के लिए राजा भारमल ने किया था |


अकबर चाहता तो जोधा का धर्म परिवर्तन करवा सकता था. लेकिन अकबर ने ऐसा नहीं किया. अकबर को उस समय का एक महान राजा भी बताया गया है इतिहासकारों का मानना है कि पूरे मुगल शासन काल में अकबर एक ऐसा शासक था. जहां पर उसके शासनकाल के दौरान सभी धर्मों के लोग खुशी खुशी रहते थे. शायद! इसीलिए अकबर दोनों धर्मों का चहेते मुगल शासक था |


इन्हीं कारणों की वजह से जोधा के मन में अकबर के प्रति आदर और प्रेम का भाव उत्पन्न हो गया और अकबर भी जोधा को सभी रानियों में श्रेष्ठ रानी की नजरों से देखता था. अकबर जोधा के साहस और बौद्धिक क्षमता का कायल था. वह अक्सर कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले जोधा से सलाह मशवरा करता था. बाद में जोधा को "मल्लिका-ए-हिंद" का खिताब भी हासिल हुआ. इसीलिए जोधा अकबर की कहानी को प्रेम कहानी की नजरों से देखा जाने लगा.

जोधा ने दो पुत्रों को जन्म दिया. जिनमें से पहले पुत्र "हसन हुसैन" की मृत्यु जन्म के कुछ ही महीनों बाद हो गई. बाद में जोधा की दूसरी संतान "जहांगीर" ने मुगल साम्राज्य पर लंबे समय तक राज किया था |


जानकारों के अनुसार अकबर ने जोधा के लिए किला बनवाया था. बताया जाता है कि अकबर ने उस किले में जोधा के लिए राम मंदिर का निर्माण कराया था. इसी वजह से हमें अकबर के शासन काल में हुई नक्काशी में दोनों धर्मों की कला का समावेश देखने को मिलता है. लेकिन कई इतिहासकारों का मत है कि जोधा एक काल्पनिक पात्र था. जिसका प्रमाण किसी भी पुस्तक में पुख्ता रूप से नहीं मिलता है. जोधा के अस्तित्व के बारे में लोगों और इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं |


इस विडिओ में  " जोधा अकबर की पूरी कहानी - Jodha Akbar Story in Hindi" भाषा में बताया गया है | तो आप video जुरूर देखे – तथा चेंनल को subscribe करना मत भुलना जी |

जोधा अकबर की पूरी कहानी | Jodha Akbar History in Hindi



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Tuesday, July 2, 2019

मुझे उसके जैसा बनाना है - best motivational thought in hindi

मुझे उसके जैसा बनाना है - best motivational thought in hindi

 एक पुरानी कहानी है जरूर सुनाता हूं और बड़ी शानदार  है –

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कहानी शुरुआत में थोड़ी अटपटी लगेगी लेकिन अंत में आसानी से समझ में आ जाएगी -
निचे विडियो भी दिया गया है !
 वो  एक कौवा था !
  और कौवे को तकलीफ क्या थी जानते हैं -
 कौवे का रंग क्या होता है ?
तो  कौवा काला था 
 मजा आया सुन के ?
 वहां से एक साधु निकला - साधु के गाल पर एक मोती टपका पानी का 
   साधु ने चेहरा ऊपर उठा कर देखा तो  कौवा रो रहा था 
  साधु ने बोला रोता क्यों है ?
 उसने बोला रोऊ नहीं तो क्या करूं 
             यह जीवन दिया
 काला बनाया ,कोई रंग है ये 
  साधु ने बोला खुश नहीं है बिल्कुल नहीं 
 क्या तकलीफ है
 बोला  तकलीफ ही  तकलीफ है |
जिसके घर में बैठा कांव-कांव करूं  लोग उड़ाते हैं –
 को पालता है हमको !
 आज तक आपने देखा किसी को
 किसी पाल के
 खाना खिलाया हो |
 रोटी खिलाई हो |
  श्राद्ध पे  काम आता हूं |
 झूठा खिलाते हैं मुझको 
 और तुम चाहते हो क्या बनाया है यह क्या बनाएं -
  साधु बोला क्या बनना चाहता है  अगर दोबारा मौका मिले -
 चल आज बनाता हूं |
 उसने बोला अगर जिंदगी में मौका मिले 
दोबारा बनने का तो हंस  बनना पसंद करूंगा 
क्या जबरदस्त सफेद रंग  शांति का प्रतीक वाह वाह
 साधु ने बोला आज बनाया तुझे हंस
 लेकिन एक वादा है फिर
 जाकिर एक बार हंस से मिल आ | एक बार उससे मिल तो आ
 अबे भागा भागा गया अंश भाई हंस भाई
 क्या मस्त रहता है न तू
 क्या रंग तुझे भगवान ने दिया है आए आए-
  पानी मे  पेंडल मारता है किसी को पता ही नहीं चलता कि चल रहा है 
क्या सफेद सफेद रंग- अपने का देख काला |
 कितना खुश रहता होगा तू |
 हंस बोला  कौन  बोला रे तुझ को |
We are not happy
   not at all
बोला तुझको क्या तकलीफ है
 बोला यह कोई रंग है !
 सफेद रंग, मौत के बाद का रंग है ये 
  लोग तस्वीर खींचते हैं पानी मेरी 
 साला पता ही नहीं चलता 
 पानी की खींच रहे मेरी खींच रहे हैं-
 सफेद में  सफेद मिल जाता हूं
 फोटो में आता ही नहीं हूं किसी को तो 
 ये कोई रंग है  बोलो खुश नहीं हूं बिल्कुल 
 तो दोनों आये - बाबा मामला गड़बड़ है 
 तो बाबा ने हंस से पुचा तेरे हिसा से |
बोला महाराज एक मौका दे दो बनने का-  तो मैं तोता बनाना चाहता हूं |
 क्या चोंच , क्या रंग 
 लोग  पालते हैं उसको
  मिठू मिठू बुलाते हैं  उसको
 अरे बना दो प्रभु एक बार भगवान ने बोला बनिया पर एक शर्त है
 जाकर एक बार उससे मिलता
 अब यह दोनों भागते भागते गए - तोंते के पास
एक जंगल में एक पेड़ पर बहुत सारे तोते रहते थे |
 अब वह टोटल ढूंढ रहे हैं -तोंते कहां है तोते का
 उस पेड़ के तीन चार चक्कर लगाए -
Finally  तोता मिला 
 बोलने लगे तोता  भाई तो भाई
 क्या मस्त  जिंदगी मैं रहता है अरे मिट्ठू मियां |
 क्या मस्त जिंदगी है तेरी 
 कितना खुश रहता है |
 क्या लाल सुर्ख तेरी चोंच 
आ हा हा 
 क्या तेरा जिस्म क्या तेरे पर
 लोग तुझे पालते हैं |
 तुझे क्या-क्या नहीं खिलाते तेरे को बादाम तक लोग खिलाते हैं |
 अरे क्या खुश रहता  होगा न तू
 क्या मस्त है तेरा जिंदगी |
 तोता बोला कौन बोला है तुम्हें!
 बोले तू भी खुश नहीं , बोला बिल्कुल नहीं |
 बोले  तुझे क्या तकलीफ है ,बोला तकलीफ यह है  बेटा
 कि तुम चार चक्कर लगा गये -हरे में हरा |
 तुम को दिखता नहीं था मैं !
 यह कोई रंग है साला 
 पेड़ में मिल जाता हूं |
 तो तीनो  आय  महाराज
  महाराज बोला हां भाई तोते
 बोले  महाराज एक मौका दे दो बस 
 तो बनाता हूं बस - क्या बनाना है
 तीनों बोले पीकॉक 
 क्या नेशनल बर्ड है हमारा 
 क्या मस्त है यार
ओए ओए ओए
 साधू  ने बोला तीनों को बनाता हूं अभी 
 लेकिन शर्त वही है 
 एक बार जाके आओ ! 
 अब वह तीनों भागे भागे गए मोर को ढूंढने =
 और मोर के पास जाकर बोले
 मोर क्या जिंदगी दिया है तुझे- ईश्वर ने
 आए हा हा 
 तेरे  पर जब खुलते हैं ना बाबू
 लोग इंतजार करते हैं उसका
 तस्वीरें खींचते हैं 
 नेशनल वर्ल्ड है तू

 ओहो होय होय 
 तेरे नाचने के इंतजार में जब घटा बरसती है-
 और जब तू नाचता है दीवाने हैं लोग तेरे
तस्वीरे लेते है और टू नेशनल वर्ड है तू
पढ़ाया जाता है तू
Classes के अन्दर
कभी इश्वर करे एक मोका मिले तो 
हम तेरे जैसा बनना पचंद करेगे \
बड़ा खुश रहता होगा रे तू |
मोर बोला कोन बोला रे तुमको |
बोले तेरे को भी तकलीफ है 
बोला हा बहुत तकलिप है ?
बोले तुझको क्या तकलिप है |
मोर ने बोला ध्यान से एक आवाज सुनो |
कान लगवाकर तीनो sun रहे थे |
आवाज आ रही थी |
तीनो ने कहा कुछ आवाज आ रही है 
क्या है ये ?
उसने बोला और ध्यान से सुनो 
ये आवाज पास आ रही है \
हा क्या है ये |
बोला शिकारी है -
मा को मर डाला 
एक-एक पंख नोचा गया है 
उसके जिस्म से |
और ये पुरे शहर में,
पुरे देश में बेचा जायेगा |
लोग अपने घरो में लगायेगे |

कोई जीवन है ! 
क्यों बनना है मोर ?
उसने बोला खुश नही है -
बोला अगले घंटे का ही पता नही है 
Keise ख़ुश रहू |
उसने बोला तेरे हिसाब से 
फिर किया बनाना चाहिय -
और कोन सबसे खुश है |
तो कोवे को मोर ने बोला तू \
तो कोवा बोला में केसे ?
तो मोर का जबाब सुनिए -
मोर ने कोवे को कहा -
तूने मटर बिरयानी सुनी है 
कोवा बोला हाँ 
चिकन बिरयानी सुनी है 
बोला हाँ 
कहूआ बिरयानी सुनी -
      बोला ना 
बोला तुझे जन का खतरा है , बोला नही |
कोई तुजे मारे -नही 
तुझे किसी से तकलिप -नही 
किसी को तुझसे तकलिप -बोला नही 
मस्त जी रहा है साला 
हमे तो अगले घटे का पता नही 
तो तुझसे बढिया कोन ?
तो आप जो है |
जिस अवस्था में -जिस रूप व रंग के साथ है \
मस्त है यार ||
किसी से अपनी तुलना मत करो |
तुमरे जैसा आदमी भगवान ने 
दूसरा नही बनाया 
तुम्हारे जैसा आदमी है कही ?
नही है न यार 
You are Unique 
Dont Compere Yourself 
कभी जिंदगी में अपनी तुलना 
मत करना किसी के साथ 
Comparison में बहुत बड़ी तकलिप होती हैं सर ||
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मुझे उसके जैसा बनाना है - best motivational thought in hindi


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