inspirational quotes | अभी वक्त है संभल जाओ -
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ओम पूर्णमद: पूर्णमिद पुर्णात्पूर्णमुदच्यते !
इस श्लोक का अर्थ
है - ओम वह { परब्रह्म }
पूर्ण है, और यह कार्य
ब्रह्मा भी पूर्ण है, क्योंकी पूर्ण से
ही पूर्ण की उत्पत्ति होती है ! तथा प्रलय काल में पूर्ण का पूर्ण तत्व लेकर अपने
में लीन करके पूर्ण ब्रह्म ही बचा रहता है ! त्रिविध ताप की शांति हो !
वर्तमान पर्यावरण विमर्श की सबसे
बड़ी खामी यह है कि हम शाम को तारणहार की स्थिति में रखना चाह रहे हैं ! पर्यावरण
और मनुष्य प्रति पूरक है !
राष्ट्र के साथ हमारी व्यक्तिगत जवाबदारी भी तो तय
होती है,कि हम क्या करें यह
एक व्यापक विमर्श का विषय है पर्यावरण !
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पर्यावरण केंद्रीय समान को प्रारंभ करने के लिए इससे सुंदर उदाहरण शायद मिल पाए !
वस्तुतः आज हम अपने विनाश को लेकर बहुत चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं ! परंतु क्या
वास्तव में ऐसा है ? वर्तमान पर्यावरण विमर्श की सबसे बड़ी खामी यह है कि हम शाम को तारणहार की
स्थिति में रखना चाह रहे हैं ! और मनुष्य दोनों अलग इकाई नहीं है ! यह प्रति पूरक
है पिछले 300 साल के उद्योगिक
विकास ने हमारे सामने कुछ चुनौती रखी, पर्यावरण के संबंध में ! ओं का मुकाबला उसी की व्यवस्था से बने उपकरणों से करना चाहा !
क्या ऐसा संभव है ? आज विश्व को महसूस
हो रहा है कि वह 1 दिन कुछ ऐसा आविष्कार
कर लेगा, जो कि किसी जादुई
चिराग की तरह हमें प्रियामणि संकट से
मुक्ति दिला देगा ! हम इस समय से उपस्थित किसी की अनदेखी कर कुछ ऐसा कर देना चाहिए
जिसमें यह सिद्ध हो कि मनुष्य के, अलावा इस सृष्टि में सभी कुछ अपूर्ण है और हमें वह चमत्कारी शक्ति है, जो सब कुछ नियंत्रण में ला सकती है ! हमारे यहां एक वैदिक देवता हुए रुद्र !
वह संहार के देवता भी कहलाते हैं ! परंतु
उनका एक नाम करुणानिधि भी है ! दक्षिणी भारत के शिव संप्रदाय के आराध्य हैं जो कि अहिंसा
को सबसे बड़ा धर्म कहता है ! यानी संहार में भी रचनात्मक हो यही भारतीय
संस्कृति है ! संहार भी कुछ रच सके ! हमें अपने आसपास हो
रहे तमाम विप्लवो को उसी नजरिय से देखना और समझना होगा !
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सुदूर केलिफोर्निया और ऑस्ट्रेलिया के जंगल में भीषण
गर्मी से लगी आग ! अफ्रीका को अपने में समेट रहा घटाटोब कंकाल ! चीन में
लगातार बाढ़ का प्रकोप ! जापान में पहली बार इसके बाद धनक समुद्र तूफान हो जब तेज
भूकंप ! इंडोनेशिया में बाढ़ में समुद्री तूफानों की बढ़ती आवर्ती, राधिका का गुल्ला
और अगले 20 वर्षों में भी को
बैंकॉक जैसे शहरों की समुद्री की तरह होती ! वर्दी में डूब जाने की आशंका !
गुरमत तब है आसमान छूती इमारतों की न्यू में पानी घुस रहा है और यह संकट इसलिए कह
रहा है क्योंकि बैंक ओं पेनिस नहीं है ! व्हेन इस में जल अर्थ प्रकृति के साथ
सामंजस्य है और बैंकॉक में टकराव है ! बैंकों में मनुष्य की पूर्णता का दंभ
है कि वे समुंदर को भी अपनी सेवक बना सकता है ! भारत भी इसी नंबर से अछूता नहीं है
जल उसमें कुछ समझाना चाहा था !
हमने उसी ललकार पर कहा था कि बाढ़ तो अपवाद है ! उस
पर उसने हमें केरल में फिर समझा दिया कि इंदुस्तान की सबसे ऊंची ऊंचाई पर
स्थित चलना तो आपसे ही पड़ेगा ! कालिदास के मेघदूत का मेघ ! अलकापुरी उज्जैन के यक्ष को देश कालीन के दौरान उसकी पत्नी को आदेश
दे दिया कि बाद में यह निष्कर्ष निकाला गया ! वह आज भी घूम रहा है उस दुनिया को
संदेश दे रहा है कि अभी भी समय है संभल और स्वयं पर काबू हो ! याद रखिए प्रकृति और
उसका पर्यावरण पूर्ण है और वह वर्तमान मनुष्य के प्लान के बाद उन्हें एक
नया मनुष्य सर्जन करने की सामर्थ्य रखता है !
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हिय भी जाने :-
कितने साल की हो गई हमारी धरती ?
ऐसा करने से आपको प्रकृति का महत्व तथा प्रकृति का पूर्ण रूप से उपयोग परिचय मिल जाएगा !
भारत के हमारे पूर्व उसके को बहुत अच्छे से समझते थे ! तभी तो वह नदी प्रदूषण को
हत्या उतना बड़ा पाप मानते हैं ! जब हमारे संविधान बना तो उसमें राज्य के
नीति निर्देशक तत्व में कहा गया अनुच्छेद 48 के पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और 1 तथा वन्य जीवो की रक्षा राज्य और देश के पर्यावरण के
संरक्षण तथा संवर्धन का और 1 तथा वन्य जीव रक्षा का प्रयास करेगा ! वहीं नागरिकों के मूल कर्तव्य में कहा
गया कि अनुच्छेद प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव रक्षा करें और उसका वर्णन
करें तथा प्राणी मात्र के
प्रति दया भाव रखें ! राष्ट्र के साथ हमारी व्यक्तिगत जवाबदारी है !
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