Satellite kiya hota hai : दुनिया के पहले उपग्रह की रोचक जानकारी –
World's first world satellite...
दुनिया का पहला संसार उपग्रह कौनसा था ?
हैलो दोस्तों - हम आपका बहुत-बहुत
स्वागत करते है। आज हम आपको बताने जा रहे है दुनिया के पहले उपग्रह के बारे में ! यदि आप Fast Satellite Ki Jankari प्राप्त
करना चाहते है तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे हैं। इस पोस्ट में हम आपको दुनिया
का पहला संसार उपग्रह के बारे में जानकारी देंगे। तथा साथ ही उपग्रह के बारे में
भी बताएंगे !
दुनिया का पहला उपग्रह - सन 1960 में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नाम नासा ने गुब्बारे के आकार का
एक उपग्रह इको-1 छोड़ा था ! जो दुनिया का पहला संसार
उपग्रह था ! यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में करीब 1600
किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित हुआ था ! स्थापना के बाद फुलाकर इसका
आकार करीब 30 मीटर/100 फुट कर दिया गया !
यह बैलून मल्हार नाम की सामग्री से बना
था ! मल्हार पर एलुमिनियम की कोटिंग की गई थी, जिससे
वह किरणों और तरंगों के प्रवर्तित करती थी ! धरती से भेजे गए रेडियो सिग्नल उपग्रह
की सतह से प्रभावित होकर धरती पर वापस आते, पर
वह ट्रांसमिशन केंद्र से काफी दूर तक पहुंच जाते ! इससे संचार उपग्रह की अवधारणा
का विकास हुआ ! इको-1 ने अमेरिका और यूरोप के बीच
काफी अरसे तक ध्वनि संगीत और चित्रों का प्रसारण किया ! सन 1968 में यह आकाश में कहीं गायब हो गया !
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Satellite क्या होता है - दोस्तों आपने भी कभी ना कभी Satellite के बारे में जानने की कोशिश तो की होगी ! की यह होता क्या है। क्योंकि यह हमसे इतनी दूर होती है की हम इसे देख नहीं पाते है। लेकिन हमारे दैनिक जीवन के अधिकतर काम Satellite पर ही निर्भर होते है। जिसके बारे में आप लोग शायद ही जानते होंगे। हम आपको यह बिल्कुल सरल भाषा में समझाएँगे। आशा करते है की आपको हमारी सभी पोस्ट पसंद आ रही होगी। और इसी तरह आप आगे भी हमारे website पर आने वाली सारी पोस्ट पसंद करते रहे।
Satellite kiya hota hai -
सैटेलाइट पृथ्वी के वातावरण की और पृथ्वी की हर छोटी से बड़ी चीजों की मॉनीटरिंग करता है। यह पृथ्वी के चक्कर लगाती है, Satellite को हिंदी में उपग्रह भी कहते है। चंद्रमा भी एक सैटेलाइट होता है। लेकिन चंद्रमा एक प्राकृतिक उपग्रह होता है। यह मनुष्य के अनुसार नहीं चलता है।
चंद्रमा से ही
प्रेरणा लेकर मनुष्य ने अपने खुद के Satellite बनाये है। और उन्हें अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। सैटेलाइट एक
छोटे से डिब्बे के बराबर भी हो सकते है। और एक बड़े ट्रक के बराबर भी हो सकते है।
सैटेलाइट का आकार
उनके काम पर निर्भर करता है की उस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में किस काम के लिए छोड़ा
गया है। लेकिन सभी Satellite की बनावट एक जैसी ही होती है।
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Satellite ऊपर कैसे टिके रहते हैं ?
Satellite- ये तो आप जान गए होंगे कि Satellite क्या है या Satellite क्या होता है, लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल यहीं आता है ! कि
सैटेलाइट ऊपर हवा में कैसे टिके रहते हैं यह धरती पर गिरते क्यों नहीं है ? तो इसके लेकर बहुत सिंपल नियम है जैसे अगर किसी चीज को अन्तरिक्ष में रहना है, तो उसे अपनी एक गति से किसी बड़े ऑब्जेक्ट का चक्कर लगाते रहना होगा ! इनकी
स्पीड प्रथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती है ! तो इस
नियम के चलते ही सारे उपग्रह हवा में ऊपर टिके रहते हैं !
Satellite Kaise Kaam Karta Hai
सैटेलाइट के दोनों तरफ सोलर पैनल लगे होते है। जिनसे इनको उर्जा मिलती है। और इनके बीच में ट्रांसमीटर या रिसीवर होते है जो सिग्नल को रिसीव और भेजने का काम करते है।
इनमें कंट्रोल मोटर भी होती है जिनके द्वारा हम Satellite को रिमोटली कंट्रोल भी कर सकते
है।
अगर इनकी जगह को बदलना हो या एंगल बदलना हो तो यह
कंट्रोल मोटर के द्वारा कर सकते है। सैटेलाइट की मेन बॉडी में सैटेलाइट का सारा
सर्किट डिज़ाइन किया हुआ रहता है। Satellite को किस काम के लिए बनाया गया है वह सारे ऑब्जेक्ट आपको सैटेलाइट में देखने को
मिलते है। अगर उपग्रह को पृथ्वी की इमेज लेने के लिए बनाया गया है तो Satellite में बड़े कैमरा लगाये जाते है।
अगर स्कैनिंग के लिए बनाया गया है
तो उसमें स्कैनर लगाये जाते है। Satellite को प्रमुख रूप से कम्युनिकेशन के लिए काम में लिया जाता है। रेडियो और
ग्राउंड वेब धरती के पूरी कम्युनिकेशन को कवर नहीं कर सकते इसलिए ज्यादातर Satellite को कम्युनिकेशन के काम में लिया जाता है।
Satellite Ke Prayog
1.
सैटेलाइट का
उपयोग बहुत से कामों में किया जाता है, आइये जानते है
इनके प्रयोगों के बारे में:
2.
कुछ सैटेलाइट का
काम होता है की वह पृथ्वी पर सक्रिय आग का मैप तैयार करे। यह कलर सिस्टम के द्वारा
आग के ताप को दिखाता है। जिसके माध्यम से आग को पहचाना जा सकता है।
3.
पर्यावरण को
समझने के लिए भी सैटेलाइट तैयार किये गए है। यह समुद्री जीवन को समझते है।
पर्यावरण में जो बदलाव होते है उनमें समुद्र का बहुत योगदान होता है।
4.
नासा की एक
ब्रांड न्यू सैटेलाइट को 2015 में लाँच किया
गया है। इस सैटेलाइट का काम यह है की पृथ्वी के एक इंच पर कितना मॉइस्चर है उसका
मैप तैयार करे। इस सैटेलाइट का काम यह भी देखना होता है की कहीं धरती बर्फ से तो
नहीं जमी है।
5.
सैटेलाइट के
द्वारा ही फोन और पेजर को चलाया जा सकता है। 1998 में जब एक
सैटेलाइट ने काम करना बंद कर दिया था तो इस वजह से अमेरिका में 80% पेजर ने काम करना बंद कर दिया था।
6. ग्लोबल फ़ॉरेस्ट सिस्टम सैटेलाइट का डाटा इस्तेमाल करके
बताते है की कितनी ज़मीन पर जंगल है। और कितनी ज़मीन कृषि योग्य है। इस डाटा के
द्वारा ही सड़क निर्माण और घर का निर्माण किया जाता है।
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आज आपने जाना की दुनिया का पहला संसार उपग्रह कौनसा है और उपग्रह क्या है और
साथ ही आपने यह भी जाना की Satellite काम कैसे करता है ! हम आशा करते है की हमारे द्वारा बतायी गई जानकारी आपके लिए
उपयोगी होगी।
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