Friday, February 8, 2019

इन क्रांतिकारी वीरो के बारे हमे पता होना जरूरी -raajasthaan mein svatantrata aandolan.


क्रांतिकारी वीर –

1.raajasthaan mein aajaadee kee ladaee ke itihaas,

2.raajasthaan mein svatantrata aandolan.




आज आपको ऐसे क्रांतिकारी वीरो के बारे में बताएंगे ! जिन्होंने - निस्वार्थ भाव से देश को स्वतंत्र बनाने में अपना तन मन और धन के साथ सहयोग किया !  उन सारे  क्रांतिकारी वीर  की संक्षिप्त में जानकारी हम आपको देंगे ! तो आप  उनके बारे में जानकर जरूर अचरज करेंगे और अपने जीवन में देश के लिए यहां अपनी समाज के लिए अच्छा करने की सोच को उजागर करेंगे !


1.केसरी सिंह बारहठ -  इनका जन्म 21 नवंबर 1872 में शाहपुरा के समीप देवपुरा ग्राम में हुआ था इसके पिता कृष्ण सिंह उच्च कोटि के विद्वान थे ! 1903  मैं जब उदयपुर के महाराणा फतेह सिंह दिल्ली दरबार में शामिल होने जा रहे थे ! तो उनको महाराणा को चेतावनी रा चूंगट्या नाम से 13 सोरठे लेकर भेजें ! जिस से प्रेरित होकर महाराणा ने दिल्ली दरबार में भाग नहीं लिया ! आपको प्यारेराम हत्याकांड के संदेश में 5  वर्ष जेल में रहना पड़ा और 1914 में महान आंदोलनकार का देहांत हो गया !
---------------------------------------------------
#kesaree sinh baarahath kee rachanaen
#kesaree sinh baarahath ka jeevan parichay
#kesaree sinh baarahath ke baare mein
#thaakur kesaree sinh baarahath
#kesaree sinh baarahat shahpur statai
--------------------------------------------------
2. प्रताप सिंह बारहठ - यह केसर सिंह बारहठ के पुत्र थे ! राजस्थान के सशस्त्र क्रांति में प्राप्त प्रताप सिंह का महत्वपूर्ण योगदान था ! उन्होंने राम बिहारी घोष के निकटतम क्रांतिकारी योग मास्टर अमीरचंद से शिक्षा प्राप्त की थी ! आपको 1917 में बनारस षड्यंत्र में गिरफ्तार कर लिया गया !
तत्कालीन ब्रिटेंस गुप्तचर विभाग के निर्देश में सर्जा लीलैंड के कठोर प्रयासों से के बाद उन्होंने ने तो राम बिहारी घोष का कोई पता बताया और ना ही क्रांतिकारी गतिविधियों से अलग हुए ! यह वीर अपने ही एक स्टेशन मास्टर मित्र के विश्वविद्यालय का शिकार हो गया !  1918  तक कठोर यातनाएं के बाद यह देश को शहीद हो गया !

3.जोरावर सिंह बारहठ - यह केसर सिंह बारहठ के छोटे भाई थे ! दिल्ली के महान क्रांतिकारी मास्टर अमीर चंद के प्रमुख सहयोगी 23 दिसंबर 1912 को उन्होंने लॉर्ड हार्डिंग के जुलूस पर बम फेंका ! सरकार  व रजवाड़ी ने उन्हें पकड़ पाने के लायक प्रयत्न किए लेकिन यह सफल नहीं हुए !  1929  मैं यह कोटा आ गए जान निमोनिया के कारण उनकी मृत्यु हो गई !

4.अर्जुन लाल सेठी - इनका जन्म जयपुर के एक महान जैन परिवार में हुआ था ! यह राजस्थान में सशस्त्र क्रांति के प्रमुख आधार थे!  यह स्नातक थे उन्हें संस्कृत,अंग्रेजी, पारसी ,पाली ,अरबी भाषा का अच्छा ज्ञान था ! उन्होंने धर्म एवं देश सेवा के प्रचार के लिए जैन प्रसारण समिति और  वर्धमान स्कूल की स्थापना की ! उन्होंने असह योग आन्दोलन व अन्य क्रांतिकारी को सक्रिय भाग लिया ! 14 अगस्त 1941 का निधन हो गया !
5. मोतीलाल तेजावत - यह भील जाति के थे ! जिनका जन्म 1886 में उदयपुर जिले के फलासिया तहसील कोल्यारी ग्राम में हुआ ! भील एवं अन्य जनजाति पर जुनून देखकर अक्षुण थे !  इस कारण से 1921 में उन्होंने मेवाड़ के मात्र कुंडिया नामक स्थान पर जाकर एक आंदोलन चलाया 1920 में निंबाड़ा गांव में लागू एवं भंगार के विरुद्ध एक विशाल सम्मेलन बुलाया मेवाड़ सेना ने सम्मेलन की एकता को कुचलने के लिए 1200 बिलों की हत्या कर दी इसमे  मोतीलाल घायल हुए लेकिन हार नहीं मानी संघर्ष जारी रखा ! इनका 5 सितंबर 1963 को निधन हो गया !
6.माणिक्य लाल वर्मा - इसका जन्म बिजोलिया में 1897 का था !  एक कायस्थ परिवार में हुआ !  प्रारम्भिक जीवन में आप अध्यापक थे ! लेकिन पथिक जी के संपर्क में आने के बाद कृषक आंदोलन से जुड़े गए तथा किसानों को उनके अधिकार के प्रति जागृत किया ! बिजोलिया किसान आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 14 जनवरी 1959 को स्वतंत्र सेनानी .माणिक्य लाल वर्मा जी का निधन हो गया !

7.  गोपाल सिंह खरवा -  अजमेर जिले के ग्राम के क्रांतिकारी आंदोलन इन क्रांतिकारियों के हथियार उपलब्ध करवाना था ! रास बिहारी बोस के साथ उन्होंने वीर भारत सभा का गठन किया और उनके जिले में नजर बंद कर दिया गया और 1920 में रिहा कर दिया गया लेकिन उनका 1956 में  निधन हो गया !
8. नानक भील - आदिवासी भील ने 1922 में बूंदी किसान आंदोलन में झंडा गीत प्राण मित्र भाई गवाना पर झंडा नीचे नहीं झुकना चाहिए गाते समय पुलिस की गोली से शहीद हो गए !
ght: normal; margin-bottom: .0001pt; margin-bottom: 0cm;">
9.साधु सीतारामदास - इनका जन्म बिजोलिया में हुआ था और लोकमान्य तिलक इन की प्रेरणा के स्रोत हैं !उन्होंने किसान के शोषण और उनकी दयनीय स्थिति को काफी गहराई से देखा था ! उन्होंने बिजोलिया किसान आनंद से बहुत ही बड़ी भूमिका निभाई और किसानों के हित के लिए बाहर बाहर जेल भी गए !

10. विजय सिंह पथिक - इनका मूल नाम  भूप सिंह था ! जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर नामक स्थान पर हुआ उसके पिता में 18 57 की क्रांति में शहीद हुए थे ! उन्हें राष्ट्रीय हित की शिक्षा अपने दादा जी से ही ले ली ! पथिक जी ने बिजोलिया के बाद बैंगन का भी सफल नेतृत्व किया ! अपने क्रांतिकारी जनता तक पहुंचाने के लिए अजमेर में राजस्थान सेवा समिति की स्थापना तथा नवीन  राजस्थान तरुण राजस्थान का भी संपादन किया !
11.  जय नारायण व्यास - इनका जन्म है जोधपुर में 18 फरवरी 1899 हुआ था ! उन्होंने राजस्थान में स्वतंत्र वह सामंती प्रथा के विरुद्ध पहली बार आवाज उठाई तथा रियासतों के शासन में जनता की भागीदारी की वकालत की ! 1927 में तरुण राजस्थान के प्रधान संपादक बनकर 1937 में मुंबई से अखंड भारत पत्र निकाल कर अपने क्रांतिकारी विचारों का प्रचार करते रहे ! श्री व्यास जी 1951-54 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहे ! 14 मार्च 1963 को उनका देहांत हो गया !

12. बालमुकुंद बिस्सा - इनका जन्म डीडवाना तहसील के पीलवा ग्राम में 1908  में हुआ था ! जोधपुर आंदोलन 1940 में  उन्होंने बहुत ही महत्व भूमिका निभाई ! पूरी चिकित्सा सुविधा के अभाव में 19 जून 1946 में उनका निधन हो गया !

13. सेठ दामोदर दास राठी - इनका जन्म पोकरण में 8 फरवरी 1884  को हुआ था !इनके पिता का नाम युवराज राठी था उनका संबंध राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानियों से था क्रांतिकारी के तन मन से तथा विशेष रूप से आर्थिक सहायता करते थे 2 फरवरी 1918 को राठी जी इस संसार को छोड़कर परलोक गमन कर गए !

14. जमनालाल बजाज - जमुनालाल जी का जन्म सीकर ठिकाने के गांव में 4 नवंबर 1889 में हुआ था ! वह राष्ट्रवादी के प्रबल समर्थक थे और गांधीजी के पांचवे पुत्र के रूप में विख्यात है ! उन्होंने समाचार पत्रों एवं राष्ट्रवादी कार्यों को तन मन से सहयोग किया ! उन्होंने राजस्थान केसरी वीर प्रताप गांधी द्वारा स्थापित पत्र नवीन जीवन को भी भरपूर आर्थिक सहायता दी ! 1927 में उन्होंने एक चरखा संघ की स्थापना की आदत पड़ गया अंग्रेजों से प्राप्त रहे बहादुर की उपाधि को लौटा कर अपने देश भक्ति का परिचय दिया फरवरी उनका निधन हो गया उनकी लीला समाप्त हो गई !

15.भोगीलाल पंड्या - इनका जन्म 15 मार्च 1954 को नगर सेवा मंदिर नामक स्थान की स्थापना की उनका संबंध शैक्षणिक कार्यों से था उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण यदि सरकार ने से सस्ता से सस्ता को बंद कर दिया जो पंड्या ने उसके स्थान पर सेवा संघ का गठन किया और 1944 में डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना की सुखाड़िया मंत्रिमंडल में दो बार मंत्री  बनाए गए !

16. गोकुल भाई भट्ट - गोकुल भाई भट्ट का जन्म सिरोही जिले के ग्राम में 25 जनवरी 1920 से 1940 तक में रहे और सत्याग्रह विदेशी वस्तुओं को जलाना और शराबबंदी आंदोलन को महत्व योगदान दिया ! आपने 23 जनवरी 1939 को सिरोही प्रजामंडल की स्थापना की और 1986 उनका निधन हो गया ~!

17.रामनारायण चौधरी - इनका जन्म सीकर जिले की नीमकाथाना गांव में 1896 में हुआ ! अपने बेंगू किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व किया आपने राजस्थान में जन जागरण के लिए नया राजस्थान नामक पत्र भी निकाला !

18. हीरालाल शास्त्री - इनका जन्म 24 नवंबर  जोबनेर का नाम श्री नारायण शास्त्री एवं ममता जोशी  था ! निवाई तहसील स्थली विद्यापीठ स्थापना तथा राजस्थान के मुख्य बने !

19. हरिभाऊ उपाध्याय - हरिभाऊ उपाध्याय का जन्म ग्वालियर के भरोसा ग्राम में 8 मार्च 1893 हुआ था 1926 में राजस्थान आगरा अजमेर की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया ! 1927 में गांधी आश्रम की स्थापना की तारा साथी गांधी सेवा संघ की स्थापना भी की अहमदाबाद में नवी नव जीवन नामक समाचार पत्र का संपादन किया ! 10 वर्षों तक राजस्थान में विभिन्न मंत्रालयों को संभाला 25 मार्च 1972 को आप का देहांत हो गया !
--------------------------------------------------------------
हमने उन वीरों की जानकारी को आप तक पहुंचाने की कोशिश की कि जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में क्रांति में अपना अमूल्य जीवन धन और मन के साथ कार्य किया !  लेकिन इनके बारे में हमें और आपको उनके जीवन के बारे में पता होना चाहिए ! कि उन्होंने कितनी मेहनत करने के बाद देश को स्वतंत्र बनाने की  सफलता प्राप्त की !


Reletade-
Pratap Singh Bareth,mahant pyarelal hatyakandchetavani ra chugatiya,vijay singh pathik
mahant pyarelal hatyakand convicted,shahpura state,mahant pyarelal hatyakand in hindi
mahant pyarelal hatyakand in rajasthan,vijay singh pathik newspaper name,vijay singh pathik published a newspaper,vijay singh pathik ne konsa samachar patra nikala,vijay singh pathik books,vijay singh pathik published a newspaper known as,vijay singh pathik patrika.vijay singh pathik ka samachar patra konsa hai.vijay singh pathik dwara prakashit samachar patra
pratap singh Baharat.pratap singh bharat ki jivani.arjun lal sethi image.arjun lal.biography.arjun lal sethi nagar ajmer.kesri singh barhathvijay singh pathikraajasthaan kee mahila svatantrata senaaneemahila svatantrata senaanee ke naamraajasthaan ka pratham kraantikaaree.,1942 svatantrata senaanee ke naam.

0 comments: