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बंगाल की खाड़ी की और जल ले जाने वाली नदियाँ ⇰
चम्बल और इस की सहायक नदियाँ ⇩
राजस्थान के पूर्वो एवं दक्षिणी-पूर्वी भागों में वर्षा का औसत 8०सै. मी से भी अधिक है । राज्य के इस धू-भाग में महत्त्वपूर्ण नदियाँ प्रवाहित होतो हैँ जिनमें चम्बल नदी क्रम महत्त्वपूर्ण है\ सहायक नदियों में बनास, काली सिन्थ और पार्वती आदि मुख्य हैं ।
चम्बलनदी
८चम्बल नदी का प्राचीन नाम चर्मण्यती है ।इसक्रो कामधेनु नदी भी कहा जाता है । यह महु के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाडी ( 616 मी. ऊंची ) के विन्धान क्रगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है । यह लगभग 32 5 विग्लोमीटर की दूरी तक एक लम्बे संकड़े और तीव्र गर्त से होकर बहती है । अपने स्रोत से 884 मीटर की ऊंचाई से 5० मी. की ऊंचाई तक चौरासौगढ़ के समीप गिरती हैं जहाँ यह चौरासोगढ़ से कोटा तक मुन ८ एकगार्ज में लगभग 113किलोमीटर कौ दूरी तक बहने के पश्वात्यह चौरासोगढ़ के ऐतिहासिक गढ़ के समीप एक गार्ज को पार कर राजस्थान में प्रवेश काती है इस स्थान पर नदी का तल 3०० मीटर चौडा है । आगे मैंसरोड़गढ़ के समीप इसमें बामनी नदी आका मिलती है । यहां से 5 किलोमीटर आगे प्रसिद्ध चूतिया का जलप्रपात है ।
यहाँ से कुछ दूरी तक बहने के पश्चग्रत्नदी उत्तर-पूर्व की ओर मुड़कर कोटा में बहती हैं । फिर सवाई माधोपुर और कॉटा के बीच सीमा बनाती हुईं रामेश्वर स्थान पर बनास का पानी लेकर उत्तर से पूर्व दिशा मेँ बहती है । इसमें सहायक नदी कालीसिन्थ नानेरा ग्राम के समीप मिलती है । लगभग 212 किलोमीटर तक सीधा रास्ता अपनाते हुए यह नदी पिनाहट के पास दक्षिण-पूर्ब की ओर मुड़ जाती है और लगभग 966 किलोमीटर की समस्त दूरी तय काने के पश्चात् मुरादगंज के समीप यमुना नदी में मिल जाती है । राजस्थान में दो अन्य सहायक नदियां कुसल और बनास, चम्बल नदी के बाँये किनारे पर आकर उससे मिलती है 1
यहाँ से कुछ दूरी तक बहने के पश्चग्रत्नदी उत्तर-पूर्व की ओर मुड़कर कोटा में बहती हैं । फिर सवाई माधोपुर और कॉटा के बीच सीमा बनाती हुईं रामेश्वर स्थान पर बनास का पानी लेकर उत्तर से पूर्व दिशा मेँ बहती है । इसमें सहायक नदी कालीसिन्थ नानेरा ग्राम के समीप मिलती है । लगभग 212 किलोमीटर तक सीधा रास्ता अपनाते हुए यह नदी पिनाहट के पास दक्षिण-पूर्ब की ओर मुड़ जाती है और लगभग 966 किलोमीटर की समस्त दूरी तय काने के पश्चात् मुरादगंज के समीप यमुना नदी में मिल जाती है । राजस्थान में दो अन्य सहायक नदियां कुसल और बनास, चम्बल नदी के बाँये किनारे पर आकर उससे मिलती है 1
बनास नदी
इस नदी को वन की आशा भी कहा जाता है । यह अरावली पर्वत की
खमनोर पहड़ियाँ से मेवाड़ केपठार गोगुन्दा के पठार तक दक्षिण 'की ओऱ बहती है पिन अरावली पर्वतों की श्रेणियों को काटकर समकोण था बहने तग जपुती हैं ओर नाथद्वारा, राजसमन्हेंऔर रेलमगरा होती सुई चित्तीड़गड़ व भीलवाडा जिले से बिगोंद के पास बेड़च का फ्लो लेकर चम्बल से रामेश्वर के स्थान पर सवाईमाधोपुर और कोटा कौ सीमा के समीप मिल जाती है । इसकी लम्बाई 480 किलोमीटर हैं ; इसको मुख्य सहायक नदियां बेड़च, कोठारी, खारी, मैनाल, बाण्डी, मानसी; थुन्ध्र और मोरेल हैं । बौगोंद और माण्डलगढ़ के मध्य बनन्न, बेड़च और मैनाल नदियों का संगम स्थल हैं जिसे त्रिवेणीकहा जाता है । .
बेड़च नदी
यह नदी बनास नदी को सहायक नदी है । इसका उट्यम स्थल गोगुन्दा की पहाडियों में स्थित हैं । पहले आयड़ नहीं के नाम से पुकारी जाती 'हे लेबिन्न उदयसागर झील से निकलने के पष्टचातूइसकौ बेड़च नदी कहते हैं । यहॉ से चित्तीड़ तक डूसकी क्या दिशा उत्तर-पूर्व रहती है और 19० किलोमीटर बहने के पश्चात् चितौड़गढ़ से आगे बिर्गोंद के समीप बनास में मिल जाती है ।
गस्थीरी
यह नदी मुख्यतया ८ चित्तीड़गढ़ जिले में प्रवाहित होती है और वैड़च में मिल जाती है ।
कोठारी
८ यह बनास की प्रमुख सहायक नदी है । यह उदवंपुर जिले के उत्तर में दिवेर स्थान से निकलती है और लगभग 145 किलोमीटर मैदानी भाग में प्रवाहित होने के पश्चात् भीलवाडा जिले पे' बनास नदी से मिल जाती है । इसी नदी पर बने बांध से भीतवज्वा क्या की पेयजल आपूर्ति होती है ।
खारी नदी
८ बनास की सहायक यह नदी उदयपुर जिले के बिजराल ग्राम के मास की पहाडियों से निकलती है । यह देवगढ फे समीप से होती हुई अजमेर जिले में देवली के समीप बनास नदी से मिल जाती है । इसकी कुल लम्बाई लगभग 8० किलोमीटर है ।
पार्बती
यह चम्बल नदी की सहायक नदी है । यह विंध्यव श्रेणी के उत्तरी ढाल से निकल कर मध्य प्रदेश में बहने के पश्चात्कोटा जिले में कग्रस्याहटे स्थान के निकट राजस्थान मे प्रवेश करती है । कोटा जिले में लगभग 65 किलोमीटर बहने के पश्चात्पाली स्थान पर यह चम्बल नदी में मिल जाती है ।
काली सिन्ध
यह चम्बल नदी की सहायक नदी है । इसका उदृगम खोत मध्यप्रदेश में हैँ । राजस्थान में यह झालावाड तथा कोटा से बहते हुए नोनेरां स्थान पर चम्बल नदी में गिर जाती है । इसकी मुख्य ऩहायक नदियाँ मरवन, निचाज और आहू हैं । "
बाणगंगा :
यह नदी जयपुर जिले क्री वैराठ पहाडियों है बेकल का पूर्व की और बहते हुए भरतपुर में प्रवेश काली है । आद्र क्व आगरा जिले के फतेहाबाद स्थान के निकट यह यमुना नदी में पित प्रती है । इसकी कुल लम्बाई 38० किलोमीटर है । जयपुर नगर को नि के जल की एक बहुत बडी मात्रा इस नदी से जमवा रामगढ से उलब्ध करवाई जाती है ।
इसके अतिरिक्त कुराल नदी ऊपरमाल के पठार सें निकल कर बुदी के पूर्व में प्रवाहित होती हुईं चम्बल नदी में मिल जाती है ।
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