Thursday, September 20, 2018

raj ki ndiya #ndiya #rajasthan ki nadiya राजस्थान की आंतरिक प्रवाह की नदियाँ

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आन्तरिक जल प्रवाह की नदियाँ

राजस्थान की आंतरिक प्रवाह की नदियाँ 

घग्घर नदी  ( 465 किमी॰ ) :⇰

 यह नदी प्राचीन सरस्वती नदी . के पेटे में बहने चाली हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रेणियों से शिमला के पास कालका के निकट से निकल कर अम्बाला, पटियाला, हिसार जिलों मेँ होती हुईं राजस्थान के गंगानगर जिले . मेँ टिब्बी के उत्तर पूर्व दिशा में प्रवेश करती है । यहभिहनुमानगढ़ के पश्चिम में लगभग 3 विग्लोमीटर क्री दूरी पर प्रवाहित होतो है।

 नदी अपने स्रोत से 465 किमी. प्रवाहित होने के बदृद भटनेर (झुमनगढ़) रेगिस्तान में प्रय: विलीन हो जाती हे लेकिन बर्षा क्तु में यह छूतगढ़ के कुछ गांवों तक पहुंच जाती है । अनुमान है कि इसका विस्तार बहत्वलपुर में स्का के नाम से जाना जाता है ।

क्रान्तली नदी⇰

 ८ यह नदी सीकर जिले की खण्डेला पहाडियों से निक्लती है जो तोरावाटी उच्व भूमि पर प्रवाहित होतो है । सीवब्लूव झुझुनूंमें लगभग 1०0 किमी. बहने के चाद चूरू जिले की सीमा में जाकर विलीन हो जाती है ।

मेंढ़ा⇰

नदी सामौद व सीकर क्री हर्ष पहाडियों से निकलकर सांभर झील में गिरती है । इसकी एक छोटी सहायक नदी खंडैला है ।


साबी नदी⇰

 सेवर पहाडियों (जयपुर जिला) से निकल कर बिले की जानृसूर, बहरोड़, किशनगढ़ बास, मुण्डटवर तथा तिजारा तहसीलों में बहने. के बाद हरियाणा राज्य ४ डगाँवा जिले में कुछ दूरी तक प्रवाहित होकर पटौदी के उत्तर में भूमि में विलीन हो जातो है ।

मन्था नदी ⇰

८ यह नदी जयपुर में मनोहर थाना से निक्लती है जो सांभर झील के उत्तर तरफ से आका उसमें गिरती है ।

रूपनंगढ़ नदी ⇰

इसका उद्गम स्थल अजमेर के समीप सलेमाबाद (किशनगढ़) हैजो सांभर झील में आकर दक्षिण क्री तरफ गिरता है । खारी नदी इस नदी/नाले की सहायक नदी है ।


काकनेय अथवा काकनी नदी ⇰

जैसलमेर से लम्भग 27 किलोमीटर दूर दक्षिण में क्रोटरी गाँव _से यह नदी निकलती है । यह कुछ ही किलोमीटर बहने के बाद लुप्त हो जाती है लेक्लि प्रदेश में अच्छी वर्षाहोने पर यह काफी दूर तक बहती है तब यह नदी स्थानीय भाषा में मसूएदी नदी के नाम से जानी जातौ है । यह काफी दूरी तक पहले उत्तर की दिशा में फिर पश्चिम क्री तरफ बहते हुए बुज झोल का निर्माण करती है ।


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