Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना | Life after Death
punar janam ki sachi ghatna
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हम सभी लोग बचपन से लेकर आज तक पुनर्जन्म की कई बातों के बारे में सुनते आए हैं,लेकिन आज हम आपको पुनर्जन्म लेने वाले उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जन्म धरती पर दूसरी बार हुआ और जिन्होंने अपनी पहली जिंदगी की सारी सच्चाई लोगों को बताई। सूत्रों की माने तो वे सभी बातें सच ही थीं, जो उनके द्वारा लोगों को बताई गई थी।
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Afterlife - पुनर्जन्म एक सच्ची घटना
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जय श्री भोलेनाथ🙏🙏
लेकिन आज हम आपको पुनर्जन्म लेने वाले उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जन्म धरती पर दूसरी बार हुआ और जिन्होंने अपनी पहली जिंदगी की सारी सच्चाई लोगों को बताई। सूत्रों की माने तो वे सभी बातें सच ही थीं, जो उनके द्वारा लोगों को बताई गई थी।
लेकिन ये घटना थोड़ी अजीब है जो आपको हैरान कर देगी।
शांति देवी का जन्म दिल्ली में हुआ था, जिन्होंने 4 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को अपने पिछले जन्म के पति के बारे में बता दिया और कहा कि उनका असली घर मथुरा में है, जो कि यहां से 145 किलोमीटर दूर है। जाहिर है कि 4 साल की बच्ची के मुंह से ऐसी बातों को सुन उस पर कौन यकीन करता? लेकिन अपने पति के पास जाने की इच्छा उस बच्ची को ज्यादा समय तक न रोक सकी और वो 6 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर भाग गई, परंतु इतनी छोटी बच्ची दिल्ली से मथुरा तक कैसे जाती? जिसके चलते वो शाम तक फिर से घर पर आ गई। लेकिन अब उसकी बात में कितनी सच्चाई थी, चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल, जब शांति देवी स्कूल जाया करती थी तो वो वहां मौजूद टीचरों को अपने दुकानदार पति केदारनाथ के बारे में बताया करती थी। तभी उनमें से एक टीचर ने मथुरा जाकर पता लगाया कि वहां कोई केदारनाथ नाम का दुकानदार है भी या नहीं? असल में चौंकाने वाली बात तो यह थी कि मथुरा में उस लड़की के बताए गए पते पर दुकानदार केदारनाथ मौजूद था, जो कि अपने बेटे के साथ जीवन जी रहा था। असल में केदारनाथ की पत्नी अपने बेटे को जन्म देते ही मर गई थी। जिनका नाम लोधी देवी था और जब केदारनाथ को शांति देवी के बारे में पता चला तो वो तुरंत ही दिल्ली चले गए। जिन्हें देखते ही शांति देवी ने पहचान लिया और उनके और उनकी पत्नी लोधी देवी के बीच हुई सभी बातों को लोगों के सामने रख दिया। जिससे यह साफ-साफ साबित हो गया कि लोधी देवी, जो कि केदारनाथ की पत्नी थी। उन्होंने शांति देवी के रूप में पुनर्जन्म ले लिया था