health tips hindi mai | बढ़ते तापमान का सेहत पर असर-
- how does climate affect human life
- climate change cause and effect
health tips hindi mai
वह बसंत की एक दोपहर थी | मेर अपाइंमेंट स्टोर में जो आखिरी रोगी थे, परामर्श लेने के बाद केबिन से जाते समय उनके बेटे ने उनसे कहा, ‘’बाबा अभी ट्रेन में वक्त है, इसलिए चलो मैं आपको भोपाल घुमा देता हूं, आपको अच्छा लगेगा |’ उस पर उस रोगी ने जवाब दिया, ‘बेटा, मेरे अंदर की दुनिया जब तक ठीक नहीं होगी न, तब तक बाहर का कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा मुझे |, वह झकझोर देने वाले शब्द मेरे कानों में हमेशा गुजते हैं | मैं जब भी दुनिया की सुंदरता को निहारता हूं तो एक नजरिया यह भी रखता हूं कि मेरे रोगियों को भी क्या यह दुनिया इतनी ही सुंदर लगती होगी जितनी कि मुझे लग रही है | बिना किसी व्यसन में पेड़ मेरा वह मासूम रोगी पुरुष क्रूर कैंसर के जाल में उलझ गया था, क्यों ? उसे नहीं पता लेकिन मैं तो जानता था कि इसकी वजह हमारा खोखला विकास है जो प्रकृति को तहस-नहस कर रहा है | बाहरी दुनिया अच्छी किए बगैर हमारी अंदरूनी दुनिया ठीक हो ही नहीं सकती, क्योंकि जो ब्रह्मांड में है वहीं पिंड (शरीर) में है | ग्लोब वार्मिंग से इस समय सारी दुनिया झूल रही है | इसका एक असर हमारी सेहत पर भी पड़ रहा है | ग्लोबल वार्मिंग से किडनी की समस्या में बेतहास व्र्द्दी हुई है | तापमान अधिक होने से पसीना ज्यादा आता है और किडनी के फक्शन प्रभावित होते हैं !
मूत्र का निर्माण कम होने
से पथरी अब आम समस्या होती जहां रही है | हर्दय रोग, शवास के रोग,
कैंसर, ब्लीडिंग की समस्या भी कई जाने ले रही
है जिसके लिए भी बढ़ा हुआ तापमान बहुत हद तक जम्मेदार है | एक रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग से मलेरिया और डेंगू
जैसे जानलेवा रुक बी बढ़ रहे हैं | ग्लोबल वार्मिंग
के चलते संक्रामक रोगों में भी बहुत वर्द्दी
होगी क्योंकि पानी और खाद्य पदार्थ और खाद्य पदार्थ और ज्यादा प्रदूषण जो
होते जाएंगे |
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health tips hindi mai | बढ़ते तापमान का सेहत पर असर-
क्या आयुर्वेद इसके लिए
कोई हल प्रस्तुत कर सकता है ? इस सवाल का जवाब
है कि हां, कुछ हद तक मानवता को बचा
सकता है लेकिन बढ़ते तापमान को कम करना ही एकमात्र असरदार उपाय है आयुर्वेद के
अनुसार तापमान के बढ़ने से पित की वर्द्दी होगी | ऐसे में हम पिट शामक दवाओं से कुछ हद तक हमारे शरीर
में कोमल अंगों को बचा सकते हैं | किडनी,लीवर, हर्दय और फेफड़ों के ठीक से कार्य
करने के लिए रोजाना पुनर्नवा, भुई आवला,
तुलसी, पुदीना,लोकी, एलोवेरा का सेवन करना होगा | पानी अधिक से अधिक मात्रा में पीना होगा |
प्रोसेस्ड फूड्स से बचना होगा | कीटनाशकों से युक्त सब्जियों और अनाज की जगह
आर्गेनिक अनाज का सेवन करना होगा | शक्कर का सेवन कम
करें क्योंकि नेकेड कैलोरी युक्त यह चक्कर पच कर पायरूविक एसिड बनाएगी और यह एसिड
शरीर में एसिड का निर्माण करके अंगों को क्षत विक्षत करेगा |
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