शुभकामना संदेश मेरे प्यारे साथियों ; सफलता और कामियाबी किसे आकर्षित नहीं ,हर किसी को इसकी चाहत होती है || लेकिन हम सफलता के पिछे के संघर्ष और असफलता को नजर अंदाज कर देते है |
हम यह भूल जाते है ,कि थॉमस अल्वा एडिसन ने बल्ब की खोज ९९९९ असफल प्रयासों बाद की |
इन असफल प्रयासों के रूप में किया गया संघर्ष ही जीवन का दर्पण है |
मेरे स्वम के अनुभव से मै यही कहुगा की हम असफल तब नहीं होते जब हमारा चयन प्रतियोगिता परीक्षा में नहीं होता ,बल्कि असफल तब होते है जब हम एक और कोशिस करने का साहस छोड़ देते है \\
क्योंकि हर असफलता , सफलता की सीढ़ी का पायदान होती है ||
अंत में ,स्वामी विवेकानद जी की पंक्तियों को आपकी प्ररेणा के लिए दोहराऊंगा |
''उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लश्य प्राप्त न करो ||
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