Sunday, August 19, 2018

prena ki khani #kahani for hindi

                          प्ररेणा की कहानी || 


है ,कौन ऐसा विंगन जग में जो टिक सकें इस वीर नर के मन में |

थमठो-ठेकता है ,मानव जब पथर के जाते  पाव उखड़ | 

 मानव जब जोर लगता है ,तो पत्थर भी पानी बनजाता है || 

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