Thursday, August 30, 2018

Motivational story in hindi : हार के बाद जीत है ! prena ki kahani

Motivational story in hindi : हार के बाद जीत है ! prena ki kahani 

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जीवन में सफलता मिलती है सकारात्मक सोच और लगातार प्रयास से। जब भी हम-आपको निराशा घेरती है, भविष्य अनिश्चित-सा लगता है, उस समय अपने कार्यक्षेत्र में उन लोगों का जीवन अनुभव, जिन्होंने कड़े संघर्ष के बाद सफलता का स्वाद चखा, हमारे सामने उस प्रकाश-पुंज की तरह होता है जो हमें मंजिल की तरफ बढ़ते रहने का साहस और राह दिखाता है। आइये पढ़ते हैं कुछ उन लोगों की विफलता (failure) और उसके बाद मिली सफलता (success) की कहानी (stories) जो हमारे लिए प्रेरणा (motivation) के स्रोत हैं।

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थामस अल्वा एडिशन Thomas Alva Edison

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यदि थामस एडिशन असफल (fail) नहीं होते तो शायद वे दुनिया के सबसे महान अविष्कारक न बनते। अधिकांश अविष्कारकर्ताओं के भांति जब उन्होंने अपना कैरियर शुरू किया था तो वे बहुत उत्साहित थे उन्हें लगा कि वे एक महत्वपूर्ण मौलिक समस्या का समाधान कर सकते हैं। उस समय जब अमेरिकन कांग्रेस में वोटिंग होती तो हर सिनेटर को बारी-बारी से खड़े होकर अपना पक्ष बताना होता था। एडिसन को विश्वास था कि वे ऐसी प्रणाली को बना सकते हैं जिससे कि वोटों की अपने-आप गिनती और उसका जोड़ हो जाए जिससे कि काफी महत्वपूर्ण समय बच सकता है।

एडिसन अपना प्रोडक्ट सीनेटरों को दिखाने के लिए बहुत इच्छुक थे तथा उन्हें विश्वास था कि उनके इस माॅडल को सराहना मिलेगी। लेकिन जब उन्होंने सिनेटरों के सामने डेमो दिया तो उनके इस अविष्कार को सिरे से खारिज कर दिया गया क्योंकि सिनेटर अपना वर्तमान वोटिंग पद्धति को छोड़ना ही नहीं चाहते थे। इस घटना से निराश न होकर उन्होंने यह सीखा कि भविष्य में ऐेसी कोई चीज नहीं बनायेंगे जिसे कि कोई खरीदना ही नहीं चाहे।

अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार बिजली के बल्ब को बनाने में उनके लगभग 10,000 प्रयास विफल रहे थे लेकिन अपनी हर विफलता (failure) से कुछ न कुछ सीखा और अंत में अपने मकसद में वे कामयाब हुए।
कर्नल सैंडर्स  Colonel Sanders – KFC

कर्नल सैंडर्स का जन्म 1890 में हुआ था। जब वे सिर्फ 5 वर्ष के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार चलाने के लिए अब उनकी माता जी को नौकरी करनी पडी। अतः घर में उन्हें अपने भाई-बहनों का ख्याल रखते हुए खाना भी पकाना पड़ता था। इस तरह 7 साल की उम्र तक वे अच्छे खानसामा बन चुके थे।

कर्नल सैंडर्स के संघर्षशील जीवन को तब सफलता मिली जब उनकी आयु 65 वर्ष की हो चुकी थी और उनके पास खोने के अब कुछ भी नहीं बचा था।

उनको एक काम बहुत अच्छे से आता था वह था चिकन बनाना। उन्होने केन्टूची के घर को छोड़ा और चिकन रैसिपी को बेचने के लिए अमेरिका भर के अलग-अलग राज्यों में जाने लगे। वे बस इतना चाहते थे कि जितना भी वे चिकन बेचें उस पर उनको कुछ प्रतिशत कमीशन मिल जाये। उनके इस आइडिया को पसंद नहीं किया गया। लेकिन कर्नल सैंडर्स भी जिद्दी थे, उन्होने परिस्थिति से समझौता नहीं किया और अपनी धुन में लगे रहे। उनकेआइडिया को पहली कामयाबी 1009 बार नहीं सुनने के बाद मिली।

विचार कीजिए 65 वर्ष की वह आयु जिसमें कि अधिकतर लोग रिटायरमेंट ले लेते हैं तथा जैसा चल रहा है उसी परिस्थिति में समझौता करने लगते हैं उन्होंने हार नहीं मानी और ऐसा व्यवसाय खड़ा किया जो आज 120 से भी ज्यादा देशों में फैल चुका है। उन्होंने अपने संघर्ष से यह साबित कि कामयाबी के लिए न उम्र की कोई सीमा होती है न हीं पूंजी कोई बाधा, बस आवश्यकता होती है इच्छाशक्ति और बेहतर प्लानिंग की।                                                             

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अब्राहम लिंकन Abraham Lincoln

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असफलता (failure) से सफलता (success) की सबसे बड़ी दास्तान तो अब्राहिम लिंकन का स्वयं का जीवन है। जिस भी काम में वे हाथ डालते थे सिर्फ-और-सिर्फ असफलता (failure) ही हाथ लगती थी। सबसे पहले उन्होने व्यवसाय किया असफल (unsuccessful) रहे। चुनाव लड़ा, हारे । फिर व्यवसाय करने की ठानी, फिर असफल हुए। 1833 में मंगेतर की मौत से मानसिक सदमा लगा जिससे उबरने में कई वर्ष लगे। फिर चुनाव लड़ा, हारे। हार ही दस्तान जारी रही। वे सिर्फ एक चीज नहीं हार रहे थे वह था उनका संकल्प तथा दृढ इच्छाशक्ति।आखिरी बारी उन्होने राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ा और जीते और अमेरिकी इतिहास के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बने।
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उन्होने एक्टिंग को अपना केरियर बनाने का निर्णय लिया तो उनकी लगातार कई फिल्में फ्लाप हुई। फिल्मी दुनिया में कहा जाने लगा था कि यह लम्बा आदमी तो हीरो बनने लायक ही नहीं है। कई विफलताओं (failure) के बाद ही उन्हें आश्चर्यजनक सफलता (success) प्राप्त हुई। अमिताभ बच्चन ने अपने शानदार एक्टिंग केरियर के बीच अमिताभ बच्चन कोरपोरेशन नाम की कम्पनी खोली। कम्पनी दिवालिया हो गयी और वे कर्ज में डूबते चले गये। बैंक द्वारा कर्ज वसूली के लिए उनके घर-नीलामी की भी नौबत आ गयी थी। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। लगातार संघर्ष करते रहे तथा काम मांगने डायरेक्टरों के पास जाने लगे। संघर्ष ने उन्हें काफी मजबूत बना दिया था। टीवी सीरियल कौन बनेगा करोड़पति ने उनकी किस्मत का दरवाजा दुबारा खोला और धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पुरानी सफलता (success) से भी बड़ी सफलता प्राप्त की। उनके इन संघर्षों ने यह साबित कर दिया कि सफलता और सम्मान तो आपकी काबिलियत और नजरिए से ही प्राप्त होती है।

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