hindi poem | hindi kavita on life |बीते जमानों की दुनिया | #dharti dhora ri kavita
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“ किताबें "
किताबें
करती हैं बातें
बीते
जमानों की दुनिया की,
इंसानों
की आज की,
कल की
एक-एक पल की।
खुशियों
की, गमों की, फूलों की, बमों की ।
जीत की, हार की | प्यार की, हार की।
प्यार की, मार की।
क्या तुम
नहीं सुनोगे इन किताबों की बातें ?
किताबें, कुछ कहना चाहती हैं।
तुम्हारे
पास रहना चाहती हैं।
किताबों
में चिड़ियाँ चहचहाती हैं।
किताबों
में खेतियाँ लहलहाती हैं।
किताबों
में झरने गुनगुनाते हैं। ।
परियों
के किस्से सुनाते हैं।
किताबों
में साइंस की आवाज़ है ।
किताबों
का कितना बड़ा संसार है।
किताबों
में ज्ञान की भरमार है।
क्या तुम
इस संसार में
नहीं
जाना चाहोगे ?
किताबें, कुछ कहना चाहती हैं।
तुम्हारे
पास रहना चाहती हैं !
- सफदर हाशमी
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